सरकार का लाचार सिस्टम इस गांव में एंबुलेंस तो दूर नही पहुंच पाता दुपहिया वाहन।
पन्ना जिला देश और दुनिया में बेशकीमती हीरों के लिए भले ही जाना जाता है लेकिन यहां के लोगों की जिंदगी में इन हीरों की चमक कहीं नजर नहीं आती। जिले की अधिसंख्य आबादी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इस जिले के छोटे से गांव मढ़िया राव के लोगों की जिंदगी तो मुसीबतों का पर्याय बन चुकी है। जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदार अधिकारियों की बेरुखी के चलते इन ग्रामीणों को कैसी-कैसी मुसीबतें झेलनी पड़ती हैं मढिया राव गांव इसका जीता जागता उदाहरण है। बतादें कि पन्ना जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर अमानगंज तहसील के इस गांव तक आजादी के इतने वर्षों तक भी पहुंच मार्ग यानि सड़क नहीं पहुंच पाई है। गांव के लोग टूटे फूटे रास्ते और मेड़ों के सहारे वैसे तो बाइक से गांव पहुंचते रहते हैं लेकिन हल्की बारिश होने पर गांव तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में गांव का कोई व्यक्ति यदि बीमार होता है तो इलाज के लिए सड़क मार्ग तक खाट में ले जाने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं रहता। लोगो की माने तो गांव तक सड़क नहीं है, इसलिए एंबुलेंस नहीं आ पाती। बीमार मरीजों व गर्भवती महिलाओं ऐसे ही खाट के सहारे लोग सड़क तक पहुंचाते हैं। करीब 400 की आबादी वाला ये गांव जिजगांव ग्राम पंचायत का हिस्सा है। मढिया राव गांव में सड़क न पहुंचने का खामियाजा सिर्फ बीमार और गर्भवती महिलाएं नहीं भुगतती बल्कि पूरे गांव को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। बच्चे पढ़ नहीं पाते, लड़कियों की पढ़ाई छूट जाती है, युवाओं की शादियां नहीं हो पाती हैं। पहले ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग से सड़क स्वीकृत हुई थी लेकिन ठेकेदार ने सिर्फ कुछ दूरी तक मिट्टी डलवाई और अधूरा काम छोड़कर चला गया। उसने काम क्यों छोड़ा इसकी भी खोज खबर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा नहीं ली गई, जिससे हालात जस के तस बने हुए हैं।