चालबाज बीवी ने पति का 20 लाख रुपए का कराया बीमा फिर...
ग्वालियर में पति और पत्नी के रिश्ते में पड़ी दरारों का दुखद और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इसमें पत्नी ने पहले तो भरोसा जीतकर पति की प्रापर्टी बिकवा दी। फिर उस रकम से पति का 20 लाख रुपए का एक्सीडेंटल बीमा करवा दिया। इसके बाद मौका मिलते ही अपने जीजा और उसके दोस्तों के साथ मिलकर पति की जान ले ली। घटना को एक्सीडेंट बनाने के लिए वाहन से टक्कर मारकर बॉडी सड़क किनारे फिकवा दी। पुलिस ने मामले का पर्दाफाश करते हुए चाचबाज पत्नी समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिसने भी पत्नी का यह कारनामा सुना तो बोल उठा कि ऐसी पत्नी से तो भगवान बचाए। आइए जानते हैं सात फेरे लेने वाली पत्नी ने कैसे उजाड़ा खुद का सुहाग
पूरा मामला पुरानी छावनी ग्वालियर का है। यहां पर चीनौर इलाके में 4 अप्रैल को एक अज्ञात व्यक्ति की बॉडी सड़क किनारे मिली थी। प्रथम दृष्टिया मामला एक्सीडेंट से जान जाने का लग रहा था। पुलिस ने घटना स्थल का मुआयना किया तो मामला संदिग्ध नजर आया। क्योंकि बॉडी के पैरों में जूते या चप्पल नहीं थे। शंका होने पर एफएसएल टीम को मौके पर बुलाकर जांच कराई गई। बाद में बॉडी की पहचान पुरानी छावनी सुसेरा कोठी निवासी रामाधर जाटव के रूप में हुई। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की। मुखबिरों, तकनीकि साक्ष्यों और पूछताछ में जो कहानी निकलकर सामने आई उसे सुनकर पुलिस अधिकारी भी सकते में आ गए।
रामाधार की जान एक्सीडेंट में नहीं गई थी। बल्कि तौलिए से गला दबाकर जान ली गई थी। घटना का मास्टर माइंड कोई और नहीं बल्कि रामाधार की बीवी सीमा जाटव थी। सीमा और रामाधार की शादी 2014 में हुई थी। दोनों की 7 साल और 5 साल की दो बेटियां हैं। पत्नी सीमा अपने पति को पसंद नहीं करती थी, उसके शराब पीने से नफरत करती थी। इसके लिए उसने पति को रास्ते से हटाने के लिए प्लानिंग की थी। इसमें उसने डबरा निवासी अपने जीजा के चचेरे भाई सुरेंद्र जाटव को शामिल किया। सुरेंद्र जाटव ने अपने साढ़ू नरेंद्र जाटव और उसके दो दोस्तों नरेंद्र और जितेंद्र को साथ में लिया। पत्नी सीमा ने पहले तो पति रामाधार को विश्वास में लेकर उसके नाम की सारी पैत्रिक संपत्ति बिकवा दी। फिर उन रुपयों से रामाधार का 20 लाख क्लेम वाला बीमा करवाया।
बीमा की नॉमिनी पत्नी सीमा खुद बन गई। बीमा के अनुसार सामान्य डेथ पर 10 लाख रुपए और एक्सीडेंट में 20 लाख रुपए मिलने थे। प्लान के मुताबिक तीन से चार महीने तक सब चुप रहे। अप्रेल में रामाधार को रास्ते से हटाने की तैयारी शुरू हुई। बीमा के अनुसार सामान्य मौत पर 10 लाख रुपए और एक्सीडेंट में 20 लाख रुपए मिलने थे। 3 अप्रैल को सीमा पति रामाधार को लेकर ननद के घर मुरैना चली गई। यहां खुद रुक गई और रामाधार को वापस ग्वालियर भेज दिया। इसके बाद जीजा सुरेंद्र, नरेंद्र और दो अन्य लोगों ने उसे ग्वालियर से एक स्विफ्ट कार में बैठाया। पहले तो उसे जमकर शराब पिलाई। फिर तौलिए से गला दबाकर उसकी जान ले ली। चीनौर इलाके में सुनसान सड़क पर उसे पटककर उसके ऊपर से कार चला दी। इसके बाद पति के निधन पर घड़ियाली आंसू बहाए।
एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि सीमा और बाकी आरोपियों के बीच अवैध संबंध का मामला तो सामने नहीं आया। जांच में पता चला कि सीमा उसके शराब पीने से परेशान थी। इसलिए प्लानिंग के तहत 20 लाख का बीमा करवाकर रामाधार की जान ली है। आरोपी पत्नी सीमा और चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जितेंद्र नाम के आरोपी की तलाश की जा रही है। घटना में प्रयुक्त कार और बीमा पॉलिसी की जब्ती बनाई है। एलआईसी एजेंट के घटना में शामिल होने संबंधी जांच भी की जा रही है। इस तरह बीमा पॉलिसी से मिलने वाली 20 लाख की रकम के लिए पत्नी ने खुद ही अपनी मांग का सिंदूर उजाड़ डाला। मां जेल चली और पिता की जान चली गई। दोनों बेटियों के सिर से माता-पिता का साया ही उठ गया। रिश्तेदार भी दगाबाज निकले। अब दोनों के पालन-पोषण का सवाल खड़ा हो गया है।