आस्था के बीच अंधविश्वास MP का एक गाँव ऐसा जहाँ एक दिन पहले मना लेते हैं होली || STVN INDIA ||
पूरे देश भर में होली का त्यौहार पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है साथ ही विधि विधान के मुताबिक होली के एक दिन पहले होलिका दहन की जाती है। लेकिन एमपी के बैतूल में एक ऐसा गाँव है। जहां होली या दीपावली जैसा त्योहार भी एक दिन पहले ही मना लिया जाता है। और मुख्य त्योहार के दिन पूरे गांव में सन्नाटा पसरा रहता है। जिसके चलते यहां होली भी एक दिन पहले ही मना ली जाती है।
वीओ- डर और अंधविश्वास के कारण ग्रामीण यह परंपरा सालों से निभाते आ रहे हैं। ये गांव है बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी विकासखंड का एक आदिवासी बाहुल्य गाँव बरेलीपार, जहाँ रंग गुलाल से लोगों ने होली मना ली है। यहाँ होली ही नहीं बल्कि हर त्यौहार तय समय से एक दिन पहले मनाने का नियम है। जबकि मुख्य त्यौहार के दिन गाँव मे अजीब सा डर और खामोशी होती है। गाँव के बुजुर्ग बताते हैं कि देश आजाद होने के बाद से अब तक गाँव में यही नियम चला आ रहा है। ऐसा बताया जाता है कि दशकों पहले यहां जब भी कोई त्यौहार मनाया जाता था तो गाँव मे कोई अनहोनी हो जाती थी। जिससे कई सालों तक तो यहां कोई भी त्यौहार मनाया ही नही गया। लेकिन जब दोबारा शुरुआत हुई तो दहशत के चलते हर त्यौहार एक दिन पहले ही मनाया जाने लगा। हालांकि बीते दो साल कोरोना के चलते होली नहीं मनाई गई। खैर ग्रामीण अन्धविश्वास और दहशत के बीच बाहर निकलने तैयार नहीं हैं। हालाँकि वो पहले ही जश्न मना लेते हैं।