सागर-जवारे विसर्जन में शामिल हुई नृत्यांगनाए रही आकर्षण का केंद्र
मां शक्ति की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि के 9 दिन पूरे हो गए हैं नवरात्रि के आखिरी दिन श्रद्धालुओं के द्वारा देवी के लिए जवारे चढ़ाकर उन्हें विसर्जित किया जाता है बता दें कि श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होने पर वे बारी यानी कि जवारे लगवाते हैं और 9 दिन का व्रत करते है। सागर जिले से 20 किलोमीटर दूर सानौधा गांव में स्थित किला परिसर में चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन मेला लगता है, जहां पर श्रद्धालु मां शारदा को जवारे समर्पित करने के लिए पहुँचते हैं बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होते हैं वही इसके साथ ही पिछले कुछ सालों से बुंदेली नृत्यांगनाए भी इसमें शामिल होने लगी हैं जो मेले के आकर्षण का केंद्र होती हैं जवारे के साथ गांव के बुजुर्गों के द्वारा नगरिया मंजीरे की थाप पर माता की भक्ते गाई जाती हैं। वहीँ इसके अलावा सागर के जैसीनगर में लोगों ने घरों में घट स्थापना कर जवारे बोये थे। जहां 9 दिन पूजा-अर्चना करने के बाद नवमी पर गाजे-बाजे के साथ जवारे मुख्य मार्गों से निकाले गए। इसमें शामिल हुई नृत्यांगनाएं आकर्षण का केंद्र रही। इसके अलावा महिलाएं अपने सिर पर जवारे रखे हुए देवी भक्ते गा रही थी, वहीं पुरुष नगलिया की थाप पर देवी भक्तों पर जमकर नाचते गाते दिखे। विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद जवारे तालाब में विसर्जित किए गए।