सागर के युवाओं में दिखी आशुतोष राणा की दीवानगी, किस्सों से खूब बटोरी तालियां
सागर में युवाओं की दीवानगी देख बेहद खुश नजर आए आशुतोष राणा
सागर के युवाओं में दिखी आशुतोष राणा की दीवानगी, किस्सों से खूब बटोरी तालियां
प्रसिद्ध अभिनेता और साहित्यकार आशुतोष राणा का खुमार सागर के युवाओं पर सर चढ़कर बोला, स्वर्ण जयंती सभागार में आयोजित युवाओं से संवाद कार्यक्रम में हजारों की संख्या में छात्र-छात्राओं सहित उनको चाहने वाले लो पहुंचे, आशुतोष राणा की एक झलक पाने के लिए उनके फैन बेताब नजर आए, सभागार में क्षमता अधिक लोगों की भी इतनी थी कि एक पैर रखने के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ी, आशुतोष राणा ने जब हॉल में प्रवेश किया तो युवाओं ने खड़े होकर स्वागत किया और फिर आशुतोष की ध्वनि से हॉल गूंज उठा, उन्होंने मंच पर पहुंचकर सभी का हाथ जोड़कर अभिवादन स्वीकार किया, मंच पर पुराने और बुंदेली अंदाज में चौपाल सजाई गई थी वहीं इसके अलावा साफा बांधकर उनका सम्मान किया गया।
कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने भी उनसे संवाद करते हुए इस विवि से छात्र जीवन में उनकी अपेक्षाएं, सपने और विवि की बेहतरी के लिए सुझाव भी मांगे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता या कार्यक्रम में प्रतिनिधित्व का सपना वे देखते थे, जिसमें वे युवा उत्सव, एन एस एस के माध्यम से भाग लेते थे, उन्होंने कुलपति से अनुरोध करते हुए सुझाव दिया की सागर विवि में फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट, स्थापित हो। उन्होंने कहा कि इस विवि से निकला हुआ हर विद्यार्थी क्षमता और दक्षता के साथ निकले जो स्वयं में एक विवि का प्रतिनिधित्व बने।
उन्होंने विद्यार्थियों को श्रवण शक्ति एवं श्रुति आधारित भारतीय ज्ञान परंपरा का महत्व समझाया। विद्यार्थियों के आग्रह पर उन्होंने रश्मिरथी की पंक्तिया, शिव तांडव, प्रिय तुम, बचपन याद आता है एवं माँ पर आधारित कविता सुनाई। उन्होंने अपनी पुस्तक से व्यंग्य "मनोविज्ञान के क्रांतिकारी सूत्र" का भी पाठ किया