न्यायालय के आदेश के बाद भी जब एक किसान को 3 साल तक मुआवजा नहीं मिला, तो न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए यह निर्देश दे दिया कि एसडीएम कार्यालय की संपत्ति कुर्क कर किसान को मुआवज़ा दिया जाए और इसके बाद कार की नीलामी कर किसान को मुआवजे की राशि अदा की गई। यह दिलचस्प मामला एमपी के शिवपुरी जिले का है। बताया जाता है कि पोहरी ग्राम बुडडा के पास अपर ककेटो डैम का निर्माण किया गया था, इसमें किसान संत चरण धाकड की सिंचित जमीन को असिंचित बताकर एसडीएम और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने नाममात्र मुआवजा राषि दे दी थी। इससे किसान नाराज हो गया, उसने अधिकारियों का यह भी बताया कि उसकी सिंचित जमीन है लेकिन उसकी समस्या को नहीं सुना गया। मगर उसने हिम्मत नहीं हारी और न्यायालय की शरण ली। बताया जाता है कि कोर्ट ने साल 2019 में किसान को 2 लाख 74 हजार की मुआवजा अदा करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते उसको यह मुआवजा नहीं मिला। जब यह बात उसने कोर्ट को बताई तो कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए एसडीएम कार्यालय की संपत्ति नीलाम करने के आदेष दिए और कार की नीलाम की गई।