किसान के बेटे ने बिना दहेज लिए की शादी सबके सामने कही थी ये बड़ी बात
वर्तमान में दहेज प्रथा को त्यागने के लिए आम लोग अब समाज के सामने मिशाल पेश कर रहे है. एमपी के बालाघाट जिले के कुम्हारी गाँव मे 5 बर्तन शगुन में लेकर की गई शादी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. आज के समय में एक तरफ दहेज के लिए मारा मारी हो कोई कार मांग रहे हैं तो कोई लाखों रुपए नगदी की मांग कर रहा है. वहीं एक तरफ दहेज ठुकराया जा रहा है दो परिवारों में रिश्ते की पहली शर्त भी यही थी कि शादी में लड़की पक्ष कोई दान दहेज देने की जिद्द नहीं करेगा।बालाघाट अंतर्गत कुम्हारी गाँव निवासी चोबेलाल लिल्हारे के बेटे हंसराज की शादी लालबर्रा के गांव सेल्वा निवासी स्वर्गीय प्रतापलाल डेहरे की बेटी रोशनी के साथ हुआ। दोनो सात फेरे लेकर विवाह के बंधन में बंधे। इस शादी में एक विशेष बात यह रही की शादी में किसी तरह का दान-दहेज वर पक्ष की तरफ से नहीं लिया गया। हंसराज लिल्हारे आरो रिपेयर का काम करता है। हंसराज लिल्हारे ने बताया कि जब मैं और मेरे पिता रिस्तेदार समेत अन्य लोगो के साथ जब हम लड़की से रिश्ते की बात करने गए थे तभी मैंने पहले ही शर्त रख दी थी मैं शादी में किसी भी तरह का दहेज स्वीकार नहीं लूंगा। अगर यह शर्त मंजूर तो ही रिश्ते की बात आगे बढ़ाएंगे।