पुरुषों ने महिलाओं को सौंपी सत्ता तो बदल दी पंचायत की सूरत,प्रदेश के लिए मिशाल || SAGAR TV NEWS ||
अमूमन ऐसा होता है कि महिला सशक्तिकरण का ज़िक्र छिड़ते ही हमारे ज़ेहन में उन सफल महिलाओं की तस्वीरें उभरने लगती हैं, जो या तो कोई विजनेश वूमेन हो या कोई बड़ी सामाजिक कार्यकर्ता या फिर कोई सेलिब्रेटी,लेकिन आज हम ऐसी घरेलू कामगार, खेतो में मजदूरी करने वाली महिलाओं की कहानी बताने जा रहे है जिन्होंने महिला सशक्तिकरण की नई परिभाषा गढ़ी और पुरुष प्रधान समाज के द्वारा दी गई जिम्मेदारियों को ऐसे निभाया की आम से लेकर ख़ास तक इन महिलाओं को सलाम कर रहा है।महिला सशक्तिकरण और महिलाओं द्वारा किए गए नवाचार का प्रत्यक्ष उदाहरण सागर जिला पंचायत के मालथौन विकासखंड की हड़ली ग्राम पंचायत है। हड़ली पंचायत में हड़ली के अलावा बोबई और मड़ावनमार कुल 3 गांव शामिल हैं। 2015 में हुए पंचायत के चुनाव में इन तीनों गांव के लोगों ने महिला सशक्तिकरण का संदेश मजबूती से देने एक राय होकर सभी 12 पंच और सरपंच के पद महिलाओं को सौंप दिए। यह पुरुषों द्वारा किया गया नवाचार था। इसको चुनौती के रूप में लेते हुए पंचायत की महिला प्रतिनिधियों ने इसे अवसर के रूप में बदल दिया। दरअसल हुआ कुछ यूँ कि ग्राम पंचायत हड़ली के लिए महिला पंचायत चुने जाने का विचार अलाव पर लगी सामान्य चर्चा में आया। पंचायत के पूर्व सरपंच सूरत सिंह का यह सुझाव बोबई गांव के विनोद तिवारी को बहुत अच्छा लगा। उन्होंने तुरंत ही तीनों गांव के लोगों से संपर्क किया। सभी को महिला पंचायत चुनने के लिए समझाया, लोग मान गए और हड़ली महिला पंचायत बन गई।1990 में अस्तित्व में आई हड़ली पंचायत में जितने काम पिछले 2015 साल तक नहीं हुए थे, उतने विकास कार्य इन महिलाओं ने शुरुआती दो साल में ही कर दिए। महिला प्रतिनिधि यहीं तक नहीं रुकीं, वे लगातार विकास कार्य करने में जुटी रहीं। वर्तमान में हड़ली गांव में बड़ी गौशाला संचालित हो रही है। महिला सत्ता ने ग्रामीणों को शहरी सुविधा देने के उद्देश्य से हर गांव में सामुदायिक भवन, यात्री प्रतिक्षालय भी बनवाए गए हैं। जगह जगह सीसी रोड, नाली निर्माण, चबूतरा, टीन शेड, आवास, नदी गहरीकरण, खेत तालाब, आंगनबाड़ी भवन, किचिन शेड, मुक्तिधाम, बाउंड्रीवाल निर्माण सहित पौधरोपण, कूप निर्माण जैसे ढेरों हितग्राही मूलक कार्य भी कराए हैं।हड़ली में आईं सभी महिलाएं शिक्षित औरजागरूक हैं। हड़ली गांव से गुड्डीबाई लोधी 8वीं,उर्मिला लोधी कक्षा 8वीं, जनकरानी विश्वकर्मा 5वीं, विमलाबाई चढ़ार 5वीं, सुमतरानी अहिरवार 5वीं पास हैं। बोबई गांव से यशोदाबाई लोधी कक्षा 5वीं, पोथीबाई लोधी कक्षा 5वीं एवं पानबाई लोधी कक्षा 5वीं पास हैं। वहीं मड़ावन गांव से अनीता बाई अहिरवार कक्षा 5वीं, माखनराजा परमार 8वीं, शिवरानी साहू 5वीं और महारानी सिंह कक्षा 6वीं पास हैं। इनके शिक्षित होने का नतीजा यह रहा की सबसे पहले उन्होंने स्कूली शिक्षा पर जोर देते हुए बोबई की प्राथमिक शाला को माध्यमिक में उन्नयन कराया। प्राइमरी मिडिल के बच्चों को बैठने के लिए कुर्सी-टेबिल उपलब्ध कराए हैं। कम्प्यूटर, व्हाइट बोर्ड भी दिए। पंचायत की अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने उन्हें स्व सहायता समूहों के माध्यम से स्वरोजगार से भी जोड़ा। अवसर मिलने पर महिलाएं क्या क्या कर सकती हैं, महिला सशक्तिकरण का ऐसा ही मजबूत संदेश देने वाली महिला पंचायत हड़ली की सरपंच लीलाबाई अहिरवार सहित सभी 12 महिला पंचों को बधाई। जिला पंचायत सीईओ डॉ. इच्छित गढ़पाले ने तीनों गांव के लोगों को साधुवाद दिया जिन्होंने बड़ा कदम उठाकर महिलाओं को सत्ता सौंपी।