सागर की केंद्रीय जेल में कैदियों के द्वारा अनोखी और निराली सजा देने का सामान तैयार किया जा रहा है । दरअसल केंद्रीय जेल में बंदियों के द्वारा डेढ़ लाख पौधे उगाए गए हैं इनमें से एक लाख पौधे सागर जिले की 11 जनपदों ने खरीदे हैं जिन्हें ग्राम पंचायतों में कोरोना कर्फ्यू के नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों जुर्माने के तौर पर पौधे लगाने दिया जाता है और उनसे जुर्माने की राशि वसूल की जाती है
केंद्रीय जेल सागर अपने नए नए नवाचार के लिए जाना जाता है,कोरोना की पहली लहर में बदियों ने खादी के मास्क तैयार किए थे, तो वही दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत के बीच बंदियों ने नर्सरी तैयार की है, अब नर्सरी में दूध और डिटर्जेंन के खाली पैकेट में पौधे तैयार किए हैं,
बता दे कि जेल में पदस्थ नागेंद्र के पिता उद्यानिकी विभाग में पदस्थ है जिन्होंने वीडियो कॉल से बंदियों को बताया कैसे बीज उगाये, युद्ध स्तर पर अशोक,आम ,नीबू ,कटहल शीशम, महुआ, और बहुत सारे प्रजातियों पौधे उगाये गए हैं
वही जेल अधीक्षक संतोष सोलंकी का कहना है की जेल में बंदी श्रम से पौधे तैयार करने का काम शुरू किया गया, बंदियों की मेहनत का परिणाम है कि करीब डेढ़ लाख से अधिक पौधे तैयार कर जिला पंचायतो से 11 जनपदों को भेज रहे हैं, उसकी बहुत अच्छी प्रतिक्रिया भी आ रही है, जनपदों में मास्क ना लगाने,लॉक डाउन तोड़ने के जुर्माने में पौधे देने की अभिनव प्रयास हो रहा है,
केंद्रीय जेल में बंदियों के तैयार पौधों को जेल प्रशासन दस रुपये की राशि में दे रहा है, पौधों को और अधिक संख्या में तैयार किया जा रहा है, जिससे पौधे पांच से छः रुपये की दिए जा सके, ग्राम पंचायतों में लॉक डाउन तोड़ने वालो को 10रुपये जुर्माने लेकर पौधा लगाने की अनोखी सजा दी जा रही है
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