उत्तर कोरिया में नया कानून,गलती की सजा सुनकर कलेजा मुंह को आ जायेगा || STVN INDIA ||
उत्तर कोरिया में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की स्थिति है, इंटरनेट नहीं है, सोशल मीडिया नहीं है और सिर्फ कुछ टीवी चैनल हैं जिनमें स्टेट कंट्रोल प्रोपैगेंडा को ही दिखाया जाता है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन ने अब इन हालातों को और भी सख्त बनाने का फैसला किया है उत्तर कोरिया में कुछ समय पहले ही एक कानून पास हुआ है जिसके मुताबिक कोई भी शख्स साउथ कोरिया, अमेरिका और जापान से बड़ी तादाद में मीडिया से जुड़ी सामग्री के साथ पकड़ा जाता है तो उसे मौत की सजा हो सकती है. इसके अलावा इन देशों के मीडिया को देखने पर 15 साल की कड़ी सजा सुनाई जा सकती है अब इस कानून में बदलाव किया गया है और दक्षिण कोरिया की गालियों और आम बोल-चाल की भाषा को भी बैन लिस्ट में शामिल किया गया है. इससे पहले दक्षिण कोरिया के हेयरस्टायल और विदेशी फैशन पहले ही इस लिस्ट में शामिल हैं. लोगों को कहा गया है कि उत्तर कोरिया की भाषा सर्वश्रेष्ठ है और उन्हें दक्षिण कोरिया में इस्तेमाल होने वाली भाषा इस्तेमाल करने पर मौत की सजा तक हो सकती है. इसके अलावा उत्तर कोरिया के आधिकारिक अखबार में साउथ कोरिया के फैशन स्टायल, हेयरस्टायल और म्यूजिक के इस्तेमाल करने को लेकर भी चेतावनी जारी की गई थी. माना जा रहा है कि कोरोना महामारी और खस्ता अर्थव्यवस्था से जूझ रहे उत्तर कोरिया से विदेशी प्रभाव को पूरी तरह से खत्म करने के लिए ये कदम उठाया गया है.
उत्तर कोरिया के एक कानून के मुताबिक
कोई भी शख्स साउथ कोरिया, अमेरिका और जापान से बड़ी तादाद में मीडिया से जुड़ी सामग्री के साथ पकड़ा जाता है तो उसे मौत की सजा हो सकती है.
इन देशों के मीडिया को देखने पर 15 साल की कड़ी सजा है
कानून में हुए बदलाव के बाद
दक्षिण कोरिया की गालियों और आम बोल-चाल की भाषा को भी बैन लिस्ट में शामिल किया गया है
इससे पहले दक्षिण कोरिया के हेयरस्टायल और विदेशी फैशन पहले ही इस लिस्ट में शामिल हैं.
उत्तर कोरिया की भाषा सर्वश्रेष्ठ है और उन्हें दक्षिण कोरिया में इस्तेमाल होने वाली भाषा इस्तेमाल करने पर मौत की सजा तक हो सकती है.