टीकमगढ़ जिले के खरगापुर में पूर्व सीएम उमा भारती के भतीजे और भाजपा विधायक राहुल लोधी की विधानसभा सदस्यता को हाईकोर्ट ने शून्य कर दिया है। उन पर नामांकन जमा करने में गलत जानकारी देने का आरोप है। हाईकोर्ट के फैसले को लेकर कांग्रेस की पूर्व विधायक चंदा सुरेंद्र सिंह गौर ने प्रेस कॉन्फ्रेंसकी और बताया की भाजपा विधायक राहुल सिंह ने चुनाव के दौरान 2 नामांकन फॉर्म दाखिल किए थे। दोनों में अलग-अलग जानकारी भरकर निर्वाचन आयोग को गुमराह किया। जिसकी सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए खरगापुर विधायक राहुल सिंह लोधी की सदस्यता शून्य कर दी। वहीं एम एल ए को विधानसभा सदस्य के पद पर रहकार मिलने वाली सुविधा बंद करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही खरगापुर विधानसभा चुनाव को घोषित करते हुए निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला सुनाया है।
मामले को लेकर याचिकाकर्ता कांग्रेस प्रत्याशी चंदा सुरेंद्र सिंह गौर ने बताया की प्रत्याशी राहुल सिंह ने नामांकन फॉर्म दाखिल किया था। जिसमें उन्होंने आर एस कंस्ट्रक्शन कंपनी में अपनी भागीदारी बताई थी। अगले दिन 9 नवंबर 2018 को उन्होंने दूसरा नामांकन फॉर्म दाखिल किया जिसमें आर एस कंस्ट्रक्शन में अपनी भागीदारी उजागर नहीं की। निर्वाचन आयोग के निर्देश अनुसार प्रत्याशी का पहला नामांकन फार्म स्वीकार किया जाता है। इसी बात को आधार न्यायालय ने यह माना कि जब प्रत्याशी ने नामांकन फार्म में कंपनी में हिस्सेदारी उजागर की है। तो प्रत्याशी का फार्म निर्वाचन अधिकारी को निरस्त करना चाहिए था। लेकिन तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी वंदना राजपूत ने ऐसा नहीं किया।
वहीं चंदा सिंह गौर के बेटे दिग्विजय सिंह गौर ने कहा कि भाजपा विधायक ने अलग-अलग जानकारी देकर निर्वाचन आयोग को गुमराह किया उनके खिलाफ धारा 420 के तहत आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए।----
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