पूर्व मंत्री रंजना बघेल ने पूर्व मंत्री उमंग सिंघार के बयान को लेकर किया पलटवार, कही यह बात
पूर्व मंत्री और गंधवानी विधायक उमंग सिंघार के बयान को लेकर पूर्व मंत्री रंजना बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि उमंग सिंघार न जाने कौन सी गुफा में तड़ीपार हो गए थे। वहां पर तुलसीदास रामचरितमानस को न पढ़ते हुए खुद की रामायण बना ली। एक समय कहते थे कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं। अब कह रहे हैं कि हम हनुमान जी के वंशज हैं। हनुमान जी को गांव-गांव में ट्राइबल के लोग पूजते हैं, भंडारे करते हैं। भगवान हमारी आस्था का प्रतीक हैं। हमारे लिए हनुमान जी भगवान हैं।
उमंग सिंघार में कभी ट्राइबल का नेचर रहा ही नहीं है। वे ट्राइबल की संस्कृति आज भी नहीं जानते, वो शहरों में रहे हैं। उन्हें ट्राइबल की संस्कृति का नालेज नहीं है। गौरतलब है कि धार जिले के बाग में आयोजित भगवान बिरसा मुंडा के शहादत दिवस पर पूर्व मंत्री और गंधवानी विधायक उमंग सिंघार ने कहा था कि हनुमानजी आदिवासी थे। भगवान राम को लंका तक पहुंचाने वाले वानर नहीं, आदिवासी थे। किताबों में गलत लिख दिया है। हम सब आदिवासी भी हनुमानजी, बिरसा मुंडा और टंट्या मामा के वंशज हैं। यह भी कहा था कि कुछ लोगों ने कहानियों में लिख दिया कि भगवान राम को लंका तक पहुंचाने वाली वानर सेना थी। वानर सेना नहीं थी, सब आदिवासी थे, जो जंगल में रहते थे। बेर खिलाने रामजी के लिए आ गए, लेकिन जब लंका की बात आई तो उसमें वानर सेना आ गई। आदिवासी गायब हो गए, जो कहानी लिखने वाले हैं वह घुमाते हैं। मैं तो कहता हूं कि हनुमानजी भी आदिवासी हैं। हम उनके वंशज हैं। गर्व से कहो हम आदिवासी हैं।