एक पेज की फोटो कॉपी पर वसूल रही थी 40 रुपए। कलेक्टर ने किया बर्खास्त।
सरकारी दफ्तरों में रिश्वत का रोग फैलता ही जा रहा है। ताजा मामला तहसील जूनी इंदौर में सामने आया है। यहां कार्यरत रेखा पाटिल सरकारी सेवाओं के बदले लोगों से रुपए वसूल रही थी। नकल लेने वाले लोगों से एक पेज की फोटोकॉपी के 40 रुपए रेट तय कर रखे थे। लंबे समय से सरेआम नकल शाखा में वसूली चल रही थी।
जहां रेखा पाटिल की टेबल रखी थी उसके आसपास अन्य कर्मचारी भी बैठे रहते थे। एक जागरूक नागरिक ने चुपके से वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। इसमें नकल लेने वाला पाटिल से पूछ रहा है कि चालीस रुपए क्यों लिए जा रहे तो मैडम कह रहीं कि लोक सेवा वालों को देना पड़ता है। नकल लेने वाला कहता है
कि यह तो बहुत ज्यादा है। हाईकोर्ट में भी एक पेज का 4 रुपए लगता है। इस पर मैडम भी कह रहीं सही है इतना ज्यादा नहीं लेना चाहिए। 5 रुपए तक भी ठीक हैं। वह तो 20 रुपए टिकट के लेते हैं। वीडियो बनाने वाला कहता है कि यह तो गलत है बताईए इसके लिए किससे मिलना पड़ेगा। मैडम कहती हैं इसमें कुछ नहीं होगा यह तो ई—गवर्नेंस का काम है। वीडियो वायरल होते ही इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने तत्काल रेखा पाटिल को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। रेखा पाटिल 27 अप्रैल 2013 को नकल शाखा में अस्थाई तौर पर कम्प्यूटर आॅपरेटर के रूप में रखा था।
यहां रहते हुए वसूली शुरू कर दी। यह कृत्य शासन एवं प्रशासन के नैतिक दायित्वों के प्रतिकूल पाते हुए कलेक्टर आशीष सिंह ने सेवाएं समाप्त कर दीं।