धर्मों की दीवार तोड़ती चित्रकला बनी प्रेरणा। दो धर्मो के खून से बनी पेंटिंग्स ने ऐसी मिटाईं दूरियां
हिंदू और मुस्लिमों की एकता को लेकर लोग अपने—अपने तरीकों से संदेश देते हैं। बॉलीवुड की फिल्म क्रांतिवीर का सीन शायद सभी ने देखा होगा जिसमें नाना पाटेकर धार्मिक विवाद के बाद अपनी हथेली पर हिंदू और मुस्लिम का खून निकालकर उसे मिला देते हैं फिर पूछते हैं बता इसमें हिंदू का खून कौन सा है और मुस्लमान का कौन सा है। जब बनाने वाले ने कोई फर्क नहीं किया तो तू कौन होता है। इसी तरह से हिंदू—मुस्लिम के खून को मिलाकर नरसिंहपुर में भी चित्रकला से एकता का संदेश देने की कोशिश की गई है। फिल्म में नाना पाटेकर का तरीका थोड़ा आक्रामक रहता है लेकिन यहां चित्रकला में शांति का समावेश है।
नरसिंहपुर में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के बैनर तले वक्त बोर्ड के अध्यक्ष हुसैन पठान एवं ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष पंडित पंकज महाराज ने अपना—अपना खून निकला और उसे एक बर्तन में मिला दिया। इसके बाद चित्रकार राज सैनी ने खून से भगवान श्री राम एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चित्र बनाया। इनका मुख्य उद्देश्य इसको लेकर है कि खून में कोई जात—पात नहीं होती है। इसलिए हिंदू मुस्लिम का खून मिलाकर भगवान श्री राम का चित्र बना दिया गया है। इसमें संदेश दिया गया है कि देश में सभी भाईचारे से रहें। हुसैन पठान का कहना है कि राम मेरी आस्था है, आज अयोध्या राम मंदिर में हुई। प्राण प्रतिष्ठा के लेकर
मन में विचार आया कि ऐसा कार्य किया जाए जिससे आपसी भाईचारे का संदेश जाए। इसलिए चित्रकला का विचार आया। उनका कहना है कि खून का कोई धर्म नही होता। पंकज महाराज ने भी एक भाईचारे का संदेश दिया। चित्रकार राज सैनी भी आज के दिन को बहुत महत्पूर्ण बताते हुए के कहते है की भगवान राम का दो कोम के खून से बनाया गया चित्र का संदेश आपसी भाईचारे का है। यह चित्र बनाकर वह खुद को खुदकिस्मत मान रहे हैं। ऐसे प्रयास बता रहे हैं कि अब देश का मिजाज बदल रहा है। धीरे—धीरे ही सही लोग धर्मों के विवादों से दूर हटकर एकता की ओर बढ़ रहे हैं। यह सब देखकर कहा जा सकता है कि जल्द ही देश मानवता के विकास की नई ईबारत लिखने तैयार हो रहा है।