क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित कर जोड़ी रकम फिर किए गरीब कन्या के हाथ पीले। विवाह क्रिकेट कप देख भावभिवोर हुए लोग।
अभी तक आपने क्रिकेट मैच मनोरंजन के लिए देखे और सुने होंगे। पहली बार मप्र के दमोह जिले के पटेरा कुम्हारी में एक अनोखा विवाह क्रिकेट टूर्नामेंट कप का आयोजन हुआ। इसमें खिलाड़ियों ने न केवल पिच पर चौके—छक्के लगाकर दर्शकों का मन मोह लिया बल्कि मैदान में मंडप सजाकर एक आदिवासी गरीब बहन का कन्यादान कर जिलेभर के लोगों का दिल जीत लिया। जहां क्रिकेट मैच के मनोरंजन से लोग झूम उठे वहीं बेटी की विदाई से गमगीन हो गए। खुशी और गम के इस संगम से सुनने वालों की आंखों से खुशी के आंसू निकल गए। दरअसल गांव में एक गरीब आदिवासी परिवार को अपनी बेटी का विवाह करना था। लेकिन उनके पास बेटी के हाथ पीले करने के नाम पर रकम की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में परिवार बेटी की विदाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।
यह बात गांव के क्रिकेट प्रेमी रवि चौहान को पता चली तो उन्होंने टूर्नामेंट से यह रकम जोड़ने की प्लानिंग बनाई। उन्होंने साथी खिलाड़ियों को योजना बताई और विवाह कप क्रिकेट टूर्नामेंट करने का निर्णय लिया गया। 27 दिसंबर 2023 से टूर्नामेंट प्रारंभ हुआ और गुरुवार को समाप्त हो गया। इंट्री फीस, समाजसेवियों की मदद से जो रकम इकट्ठा हुई उससे विवाह की तैयारियां शुरू कर दी गईं। अंतिम दिन टूर्नामेंट स्थल पर विवाह का मंडप सजाया गया। इसमें बैंडबाजों के साथ बारात आई, वरमाला हुई और सात फेरों के साथ टूर्नामेंट का समापन हुआ। सभी खिलाड़ियों ने बारातियों का स्वागत कर विवाह संबंधी सभी रस्में निभाईं और बहन की विदाई का पुण्य अपने नाम किया। टूर्नामेंट से जुड़ी रकम के अलावा खिलाड़ियों ने अपने घर से उपहार भेंट किए। सामाजिक समरता का संदेश
देते हुए आदिवासी परिवार को जो अपनापन मिला उससे उनकी खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। परिजन एवं रिश्तेदारों ने खिलाड़ियों को धन्यवाद देकर दुआएं दीं। युवाओं का यह प्रेरणादायी प्रयास चारों तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों का कहना है कि ऐसा क्रिकेट पहली बार देखा है। क्रिकेट टूर्नामेंट की बात करें तो 24 टीमों ने भाग लिया था। फायनल मुकाबला सिंदूरसी और दाऊ इलेवन के बीच खेला गया। शानदार पारी खेलते हुए दाऊ इलेवन ने जीत हासिल कर विवाह कप का खिताब अपने नाम कर लिया। इस तरह दाऊ इलेवन क्रिकेट कप जीत ले गए और दूल्हे राजा अपनी दुल्हनियां के साथ पटेरा कुम्हारी से कभी न मिटने वाली यादें लेकर विदा हुए।