एसडीएम के पैरों में गिरकर विधायक ने दिखाया अफसरशाही को आइना, जानिए क्यों पैरों में गिरे MLA
विदिशा जिले की सिरोंज विधानसभा में लंबे समय से जनता जलसंकट से जूझ रही है। हाल ही में यहां पर एक सप्ताह से लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा था। लोगों ने जब यह पीड़ा क्षेत्रीय विधायक उमाकांत शर्मा के सामने बयां की तो वे जनता को लेकर सीधे एसडीएम दफ्तर पहुंच गए। यहां एसडीएम हर्षल चौधरी के चरणों में झुक गए बोले साहब जनता बहुत दुखी है, प्यासों मर रही है साहब। एक सप्ताह हो गया है। माताएं—बहनें मटके लिए बैठी हैं। हम आपके पैर पड़ते हैं पानी दिला दो।
अगर आप नहीं सुन रहे तो बता दो कि हम कहां जाएं। वहां चले जाएंगे। विधायक और जनता के दर्द पर एसडीएम को शर्म तो नहीं आई उल्टे वे जोर—जोर से हंसने लगे। लगे हाथ उन्होंने विधायक पर तंज कस डाला कि अगर आप मुझे मरा देखना चाहते हो तो मेरे पैर छूईए। दरअसल दो दिन पहले ही विधायक ने लोगों से उनके पैर न छूने की अपील के दौरान यही बात कही थी। एसडीएम ने भी विधायक का यही डॉयलाग सुना डाला। बाद में एसडीएम ने सिरोंज में व्याप्त जलसंकट को मिटाने का आश्वासन दिया। यह सारा घटनाक्रम एसडीएम कार्यालय के बाहर जनता के बीच हुआ।
उमाकांत शर्मा इससे पहले 30 से 40 बार प्रशासन से जलसंकट मिटाने का निवेदन कर चुके हैं। इस बार उन्होंने अफसर के पैरों में गिरकर अफसरशाही के मुंह पर तमाचा जड़ डाला। एमपीपीएससी के टॉपर हर्षल चौधरी एक तो जनता का दर्द नहीं समझ पाए दूसरे विधायक को पैरों में झुकता देख खिलखिलाने लगे। इस घटनाक्रम से साफ जाहिर हो रहा है कि भाजपा के राज में अधिकारी किस कदर मनमानी कर रहे हैं। सत्तापक्ष के दो बार के विधायक की जब सुनवाई नहीं हो रही तो विपक्ष में बैठे जनप्रतिनिधियों पर क्या बीत रही होगी। बहरहाल एसडीएम ने जल सप्लाई का आश्वासन तो दे दिया है ऐसे में जलसंकट से राहत मिलने की उम्मीद तो जाग गई है लेकिन देखना यह है कि जनता के दर्द पर अफसरों की यह हंसी कब रुकती है।