कांग्रेस के पूर्व पार्षद संगीन लेकर साथियों समेत घर में घुसे, फिर दिखाया भौकाल
मप्र में कानून का राज खत्म होता जा रहा है। यहां अपराध करने वालों को किसी तरह का खौफ नहीं है। इंदौर के बड़वाली चौकी इलाके में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। इसमें कांग्रेस के पूर्व पार्षद ने एक पत्रकार को घर में घुसकर मारा, पीटा और धमकाया। परिवार की महिलाओं से बदसलूकी की। छोटे बच्चे गुंडागर्दी देख सहम गए। पूर्व पार्षद तीन चार लोगों के साथ हाथ में बंदूक लेकर पहुंचा था। इसके बाद मीडियाकर्मी को घसीटकर मारपीट की। बचाव करने पहुंची मां के साथ भी बदसलूकी और मारपीट की।
सदर बाजार पुलिस के मुताबिक कांग्रेस के पूर्व पार्षद अनवर कादरी अपने साथियों के साथ जावेद खान के घर में घुस गए। यहां कादरी ने जावेद को लात-घूंसों से पीटा। जावेद का आरोप है कि कादरी ने घर की महिलाओं पर हाथ उठाया। घर में तोड़फोड़ भी की है। इस पर मामला दर्ज किया है दूसरी तरफ पूर्व पार्षद ने मीडियाकर्मी के खिलाफ धमकाने का मामला दर्ज कराया है। जावेद ने घटनाक्रम के सीसीटीवी निकालकर सदर बाजार पुलिस को सौंपे हैं। इसमें पूर्व पार्षद अनवर कादरी, जुबेर, अनीस कुरैशी और असलम फिल्मी इस्टाइल में बंदूक लेकर घर में घुसकर मारपीट करते दिख रहे हैं। सभी के खिलाफ मारपीट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ है।
जावेद ने पुलिस को बताया कि वह साउथ बजरिया में रहता है। पेशे से पत्रकारिता करता है। शाम 6 बजे व्हाट्सएप पर अनवर कादरी के खिलाफ अवैध तरीके से संपत्ति को लेकर खबर लिखी थी। इसे लेकर बुधवार रात अनवर और उसके साथी मेरे घर में घुस आए। अनवर कादरी के हाथ में बंदूक थी। मुझे व्हॉट्सएप पर खबर चलाने को लेकर गालियां देने लगा। मां जोहराबी सामने आई तो उन्हें भी पीटा। मेरे साथ भी मारपीट की। मुझे सीने और पैर में चोट लगी है। इस घटना के अलावा इंदौर के एमआईजी इलाके में ही श्रीमाया होटल के पास एक पत्रकार पर हमला किया गया। पुलिस ने अज्ञात आरोपी पर मारपीट की धाराओं में केस दर्ज किया है।
यह घटना भी बुधवार रात की है। एमआईजी पुलिस ने ओमेक्स सिटी वन निवासी मिलिंद लश्करी की शिकायत पर बाइक सवार युवकों पर केस दर्ज किया है। मिलिंद एक अंग्रेजी अखबार में मीडियाकर्मी हैं। उन्होंने बताया कि बुधवार रात करीब पौने ग्यारह बजे वे कार लेकर घर के लिये निकले तब कमेंट करने की बात विवाद और मारपीट की गई। इन दोनों ही घटनाओं से प्रदेश की कानूनी व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। जब पत्रकार समाज में सुरक्षित नहीं तो आम आदमी का क्या हाल होगा यह आसानी से समझा जा सकता है। अब देखना यह है कि सुशासन का दावा करने वाली मप्र सरकार अपराध के गढ़ बने प्रदेश को अपराधियों से कैसे बचाती है।