महाकाल मंदिर में भस्मारती के समय झुलसे पुजारी अस्पताल में भर्ती, जानिए PM-CM ने क्या कहा?
उज्जैन के महाकाल मंदिर में सुबह भस्मारती के समय आग भड़कने से 14 पुजारी घायल हो गए। सभी का अस्पताल में इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि गुलाल में मौजूद कैमिकल के रिएक्शन की वजह से आग भड़की है। गर्भगृह के बाहर नंदी हाल में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। हालांकि आग वहां तक नहीं पहुंची और कोई हताहत नहीं हुआ। मामले में मजिस्ट्रियल जांच की जा रही है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से फोन पर बात कर मामले की जानकारी ली है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एकाउंट पर घटना को दुखद बताया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव भोपाल में अपने सारे कार्यक्रम रदृ कर सबसे पहले इंदौर स्थित अस्पताल पहुंचे। यहां पर 8 पुजारियों को भर्ती कराया गया है। सभी का हाल जानकर सीएम उज्जैन जिला अस्पताल में भर्ती चार पुजारियों से बात की। सीएम ने घायलों को एक-एक लाख रुपए देने की घोषणा के साथ बेहतर इलाज के आदेश दिए हैं। अब प्रशासन ने रंगपंचमी पर बाहर से महाकाल मंदिर में रंग ले जाने पर रोक लगा दी है।
पंचमी पर टेसू से बने रंगों से होली खेली जाएगी। आपको बता दें कि महाकाल मंदिर में वर्षों से होली खेलने की परंपरा रही है। इसी के तहत सुबह भस्मारती में गुलाल उड़ाने की तैयारी थी। बताया जाता है कि कपूर आरती की थाली में गुलाल गिरने से आग थाली में फैली इसके बाद गर्भगृह के बाकी हिस्से में फैल गई। सजावट के लिए दीवारों पर लगाए गए कपड़ों से आग का दायरा बढ़ गया। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने जांच के आदेश देते हुए आगे से ऐहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।
मंदिर समिति ने बिना कैमीकल्स वाली गुलाल और रंगों के उपयोग की गाइड लाइन बनाई है। हालांकि पहले से ही शिवलिंग क्षरण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूजा—अर्चना को लेकर गाइड लाइन बनाई है। उसके हिसाब से गर्भगृह में हर्बल गुलाल की इजाजत है। लेकिन इसके बाद भी कैमीकल्स युक्त गुलाल जा उपयोग किया जा रहा था। इन तथ्यों को लेकर कमेटी जांच कर रही है। सीसीटीवी कैमरे में आगजनी की घटना कैद हुई है। अब मजिस्ट्रियल जांच के बाद ही घटना की वास्तविकता का पता चल सकेगा। विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में आगजनी की घटना से देशभर में हड़कप मचा हुआ है। जिस तरह से देश के प्रमुख जिम्मेदार चिंता जता रहे हैं उससे लगता है घटना को गंभीरता से लिया गया है। अब देखना यह है कि महाकाल लोक में आगे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जाते हैं।